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बालयोगी आशीष आनंद जी का जन्म 12 नवम्बर 1998 को गौरा शक्ति ग्राम पंचायत के गौरा शक्ति ग्राम में हुआ था, जिस उम्र में बच्चे खेलते है, उसी उम्र में उन्होंने श्रीमद भगवत कथा और श्री राम चरित्र मानस पर प्रवचन करना प्रारम्भ कर दिया, मात्र चार वर्ष की उम्र से ही बालयोगी जी को ये प्रतिभा प्राप्त हो गई, इनके पिता मनोज सिंह एक साधारण किसान थे, इनका जन्म बहुत निर्धन परिवार में हुआ है, बड़े बड़े विद्वानों ने भी बालयोगी जी के ज्ञान का लोहा माना है, बड़े बड़े पदाधिकारियो ने भी इन्हें सम्मानित किया है, जिनमे पूर्व राज्यपाल भीष्म नारायण सिंह, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह , बांका के सांसद कैलाश बैठा, भागलपुर के कमिश्नर डी. एन. सिंह, खगड़िया के डी. एम. उदय नारायण सिंह, एसपी. बिनीत विनायक ,बांका के विधायक संजय यादव आदि शामिल है,इनकी योग्यता से प्रभावित होकर ,भागलपुर सुपर मार्किट काम्प्लेक्स के मालिक सतनारायण साह ने मात्र चार वर्ष की आयु में बालयोगी की उपाधी से विभुसित किया, बालयोगी जी ने 2007 में संतमत के महान महात्मा सही सवाई जी महाराज से दीक्छा लिया और संतमत का भी प्रचार करने लगे, इनका प्रवचन पुरे भारत में ही नहीं विदेशो में भी होता है, इनका प्रवचन बिहार के अतिरिक्त दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड ,जयपुर, पश्चिम बंगाल, कोलकाता, नेपाल आदी स्थानों पर हो चूका है,और अभी जारी है, इनके ज्ञान के कारण इन्हें धन मान यस, किसी चीज की कोई कमी नहीं है, अभी इनकी आयु केवल 17 वर्ष की है, और इनकी गणना भारत के महान संतो में होती है |

गरीबो और बेसाहारो से आशिष आनंद जी को बहुत प्यार है, ये हर बर्ष किसी विशेष उत्सव में गरीबो को दान भी खुले हृदयँ से करते हैं,और अधिक से अधिक जनकल्याण भी करते हैं, गुण के साथ ईश्वर ने इन्हें अति सुंदर रूप भी दिया है ,जिससे जो भी एक बार इन्हें देखता है वह मुग्ध हो जाता है, पशु पक्षीयो से भी इनको बहुत स्नेह है । जब बालयोगी आशीष आनंद जी जब छोटे थे , तब वे एक खरगोश पाले थे और उसके निधन पर इन्हें बहुत खेद भी हुआ था ,ये घटना इस बात को सिद्ध करती है की इनके हृदय में सबके प्रति बहुत करुणा और दयालुता है ,अपने गुण तथा दिव्य ज्ञान का थोड़ा भी अभिमान इन में नही है । ये सभी से मिलजुल कर रहते हैं और नम्रता और दुसरो के आगे झुकना छोटे बरे सभी का संम्मान करना तो इनकी नीति ही है ,इसलिए सभी लोगों को इनके प्रति बहुत श्रद्धा और बिस्वास है। बिहार के पूर्ब पथ निर्माण मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने इनकी योग्ता की प्रसंसा करते हुए कहा था की जब इतनी छोटी सी आयु में आशीष जी की बानी में इतना ओज और रूप में इतना तेज है तो बरे होकर ये पूरे विष्व में अपना था अपने देश का गौरब और बढ़ाएंगे और इन्हें किसी भी चीज की कोई कमी नही होगी कभी। आज के बच्चो को भी इनकी तरह बनने की शिक्षा लेनी चाहये।